“मेमे जीवन मुझे मिला|”
तेरे इस दर्द से, तेरे इस दान से, आज सहारा मुझे मिला|’
क्यो किया गया तेरेसाथ कुछ ऐसा
कि तेरे ही सहारे को छीन लिया गया,
मासूम तू इतना कि “अपना दर्द ना बया करने वाला उन दरिंदो को तू मिला|
क्यो अपनी ही ज़रूरतो को पूरा करने के लिए,
उन दरिंदो ने सिर्फ़ तुझे चुना|
यह ऊन, यह मुलायम सा एहसास, जिसके साये मे,
मैं जी रहा हूँ, यह मुझे तुझसे मिला|
तेरा मैं शुक्रगुज़ार हूँ कि, “यह एहसान तेरा मुझे मिला|”
जो एक इंसान ना कर सका, वो आज तूने किया..
मैं खुशनसीब हूँ जो साथ तेरा मुझे मिला|
तुझ से ही मुझे सुकून मिला..
तुझ से ही मुझे आराम मिला..
ए मेरे हमदर्दी..
इस तकदीर का खेल की कुछ अनोखा है
जो तुझे ये दुख और मुझे ये आराम मिला|
“तेरा मैं कर्ज़दार हूँ” जो.
इन कठिनाइयो मे साथ मुझे तेरा मिला|
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Creative Writing event @ Panache 2013 by CampusWriting…
(Fifth Place Winning Article)