प्राणी का पानी

Posted: April 4, 2013 by Ankur in Hindi Write-ups, Live Events, Writes...
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क्यों हो गये है हम इतने स्वार्थी ? क्यों नहीं दिखते हमें दूसरे प्राणी ? पानी जिसपे सबका बराबर हक है, क्यों छीन रहे है हम दूसरे प्राणी का पानी!

पानी में हैं बहुत शक्ति,वो देता हमें जीने की शक्ति, क्यों छीन रहे हैं हम दूसरे प्राणी की शक्ति

क्या हम में हैं इतनी सी भक्ति |

छीन के उनका पानी उसको भी कर रहे है प्रदूषित

ना खुद जी रहे है,ना जीने दे रहे है दूसरे प्राणी को,

क्यों हो गये है इतने स्वार्थी ?

पानी जीने का सार है, छीन के उसका पानी छीन रहे है उसका जीवन सारा,

कर रहे है इतना बड़ा पाप, छीन के किसी का जीवन, क्या जी पाएँगे हम ?

क्या बस इतनी सी रह गयी है इंसानियत,

कमज़ोरो से छीन रहे उनका हक |

क्या खुद के स्वार्थ के लिए,छीन लेंगे हम

दूसरों का जीवन, क्या नहीं है उनको जीने का हक,

क्या है ये उनकी ग़लती या है ये उनका गुनाह,

जो बाँट रही ये दुनिया हम इंसानों के साथ 

क्या हमारे समाज ने यही सिखाया,

कमज़ोरों का उठाओ ग़लत फ़ायदा |

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क्या जो प्राणी बोलता नहीं,

नही सुननी चाहिए हमे उसकी मन की कहानी,

लगता है हमे हमारा जीवन कितना अहम,

क्या नहीं है उनका जीवन अहम,

पानी जीने का सार है देता वो सबको जीवन,

क्यों छीन के उनका पानी, छीन रहे है उनका जीवन |

क्यों हो गये है हम इतने बूरे,

क्या मिट गयी हम में इंसानियत

क्यों हमरे लिए सिर्फ़ हम ही रह गये |

छीन के दूसरो के जीने का हक,

क्या जी पाएँगे हम??

logoदिव्या लूनावत

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Creative Writing event @ Panache 2013 by CampusWriting…

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