ये क्या हो रहा है मुझको,,
क्या खबर भी है तुझको….???
रोता हूँ मगर आँसू गिरते नहीं….
हँसता हूँ मगर होठों पे हँसी सजते नहीं…???
कहाँ गयी वो मेरी खिलखिलाहट,
वो कोमल सी मेरी रूमानियत….??
कहाँ गयी वो मेरी हिम्मत..
वो हमेशा साथ रहने वाली नम्रत…??
कहाँ गयी वो मेरी बातें…
वो शांत सुन्दर रातें…
कहाँ गयी वो मेरी अपनी मुस्कराहट…
वो मेरी अपनी हिचकिचाहट….
करते है सब खुसफुसाहट….
कि बदल गया है रजत……
मगर क्या कभी
किसी ने मेरे नजदीक आकर
थोरा सा प्यार दिखलाकर..
थोरा मेरे माथे को सहलाकर..
थोरा मेरे कपोलो को छूकर…
थोरा प्यार से पूछा की क्यों………..?????
क्या यही सिला होता है सबसे प्यार करने का
सबसे खिलखिला के बात करने का???
अब तो साली मौत भी मुझसे रूठ गयी है..
क्यों मैं खुद को संभाल नहीं पा रहा हूँ..
क्यों मैं सभी को डाट दे रहा हूँ…
क्या मैं ऐसा ही था या अब हो रहा हूँ….
कोई बताओ मुझे….. कोई तो समझो मुझे और समझाओ मुझे…
मेरी आँखों का प्यार लौटाओ मुझे….
मेरी बातों की मिठास लौटाओ मुझे
उस रजत को लौटाओ ना मुझे….
मैंने खो दिया है खुद को… मुझे ढूंढ दो न कोई….
मुझे ढूंढ दो न कोई….
मैं खो दूंगा वरना अपना अस्तित्व…. ढूंढ दो न मुझे…..
Rajat Ranjan
NIFT Bhubaneswar