जरुरत है पुरुष समाज कि सोच को बदलने की

Posted: September 5, 2014 by Ankur in Hindi Write-ups, Writes...
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देश में पहले भी आपराधिक घटनाऐं होती रही हैं । लेकिन लगभग 10 वर्षों से इसमें बहुत इजाफा हुआ है । बल्कि नारी समाज को जिस तरह से प्रताड़ित किया गया है वो बहुत निंदनीय है । जिस समाज में औरत को देवी का दर्जा प्राप्त है,वहीं पर उसके इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जाता है । यह सब देखकर भी हम लोग चुप रह जाते हैं । आखिर इन सब के पीछे कारण क्या है? कारण तो बहुत हैं पर उनमें से एक है,पश्चिमि सभ ्यता के पीछे भागना और गंदी सोच का पनपना ।

हमारी संसक्रिति और सभ्यता कभी भी हमें गलत नहीं सिखाती थी । क्या ये वही भारत वर्ष है,जहाँ नारी को सर्वोपरी माना जाता था ? क्या ये वही देश है,जहाँ नारी का स्थान पहले था ? क्या ये वही देश है,जहाँ सती और सीता का जन्म हुआ था ? बहुत व्यथा के साथ कहना पड़ता है कि, नहीं ये यह वो भारत नहीं रहा ।

बदल चुका है देश । बदलाव कुछ मामलों में अच्छें है,लेकिन अधिकतम मामलों में नकारात्मक ही प्रभाव पड़ा है ।इतिहास गवाह है कि भारत देश सदैव गुरु की भूमिका में रहा है । लेकिन उसके ही बच्चे गलत राह पर जा रहें हैं । हम चमक के पीछे भागना चाहतें हैं,भले उसका अंजाम जो भी हो ।

देश का हाल ऐसा हो गया है कि नारी शक्ति को सलाम करने वाला देश,उसे ही सम्मान नहीं दे पा रहा । आखिर क्यूँ हर रोज देश के किसी ना किसी कोने में उनकी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ? आखिर क्यूँ एक लड़की अकेले घर से बाहर जाने में घबराने लगी है ? सवाल बहुत हैं,जवाब भी हमारे ही अंदर ही छुपा हुआ है । जरुरत है मानसिकता बदलने की,वक्त के साथ नारी जगत के साथ-साथ चलने की ।

भगवान ने भी नारी को “जननी” का दर्जा दिया है,तो हम कौन होते हैं उनके साथ खिलवाड़ करने वाले ?हम कौन होते हैं,उनके साथ अन्याय करने वाले ? पुरुष और नारी एक दूसरे के लिये पूरक हैं । हम सभी को जरुरत है,अपने नजरीये को बदलने की जहाँ कुछ लोग नारीयों के साथ दुर्व्यवहार करते रहते हैं ।

लेकिन वो भूल जाते हैं कि उसी नारी रुप ने उसे जन्म भी दिया है । अगर नारी ना होतीं तो यह पूरा ब्रम्हाण्ड भी ना होता ,ना ही हम पुरुष होते । समाज को बचाना है अगर तो अब भी जाग जाओ और नारी का सम्मान करो । अंततः खत्म करने से पहले एक वाक्य कहना चाहूँगा कि – “नारी का सम्मान जहाँ,समाज का उत्थान वहाँ ।

Indranil Sukla

KIIT University

suklaindranil@gmail.com

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